Tuesday 6 June 2017

कभी मिटते नहीं

कुछ जख़्म ऐसे मिलते हैं ज़िन्दगी में
जो कभी मिटते नहीं 
हमेशा दर्द देते हैं

शीरीं मंसूरी 'तस्कीन'

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