Thursday 29 June 2017

अपने प्यार के काबिल

न तुमने मुझे कभी पहचाना, न पहचानोगे
शायद मैं ही गलत थी जो तुम्हें
अपने प्यार के काबिल समझ बैठी

शीरीं मंसूरी  "तस्कीन"

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